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आरक्षण समेत तमाम 7 मांगों पर पानीपत में सहमति के बाद दिल्ली में होने वाली सांझा प्रेस कॉन्फ्रेंस का जाट नेताओं ने बहिष्कार कर दिया. जाट नेता यशपाल मलिक अलग से प्रेस कॉन्फ्रेंस करने के लिए रोहतक पहुंचे. वहीं दिल्ली के हरियाणा भवन में बैठक के बाद सरकार की तरफ से कैबिनेट मंत्री रामबिलास शर्मा ने अकेले प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सहमति पत्र को सार्वजनिक किया. प्रेस कॉन्प्रेंस कर रामबिलास शर्मा ने जानकारी दी कि आंदोलनकारियों की सभी सातों मांगों पर सहमति बन गई है. समझौतों के मुताबिक जाट आरक्षण का मामला शिड्यूल-9 में डलवाया जाएगा. केंद्र में आरक्षण के लिए केंद्र सरकार के वरिष्ठ मंत्री से मिलवाकर प्रक्रिया शुरू की जाएगी.2010 से 2017 के बीच आंदोलनकारियों पर दर्ज सभी केसों की दोबारा जांच होगी. जेल में बंद युवाओं के मुकदमों की दोबारा जांच होगी. हिंसक आंदोलन के घायलों को मुआवजे 15 दिन के भीतर आबंटित कर दिए जाएंगे. मृतकों के आश्रितों को स्थाई नौकरी मिलेगी. रामबिलास शर्मा ने ये भी कहा कि 20 मार्च को आंदोलनकारियों का दिल्ली कूच स्थगित हो चुका है और 10 धरनों को छोड़कर सभी धरने स्थगित कर दिए जाएंगे. हालांकि धरने स्थगित होंगे या नहीं ये तस्वीर थोड़ी देर में साफ होगी.

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