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मेवात(बिलाल अहमद): आरटीए कार्यालय नूंह में खोदा पहाड़, निकली चुहिया वाली कहावत पूरी तरह सही साबित हुई है। सोमवार देर शाम करीब सात बजे उपायुक्त मनीराम शर्मा ने लघु सचिवालय स्थित आरटीए कार्यालय में अचानक दस्तक दी। दिन की तरह देर शाम तक भी आरटीए कार्यालय पूरी तरह गुलजार था। सभी लाइटें जली हुई थी। कर्मचारियों-दलालों का जमघट लगा था। हालात भांपकर उपायुक्त ने खाकी की मदद से करीब आठ कर्मचारियों को थाने पहुंचा दिया। आरटीए कर्मचारियों की डीसी नूंह की कार्रवाई से सांसें फूल गई। कर्मचारियों को थाने पहुंचते ही पसीने छूटने लगे। सहायक सचिव से लेकर अन्य कर्मचारियों ने डीसी के सामने खूब सफाई पेश की, लेकिन उपायुक्त मनीराम शर्मा ने आरटीए विभाग के कर्मचारियों को थाने पहुंचाकर ही दम लिया।
थाने में कई घण्टे तक आरटीए कर्मचारियों से खाकी पूछताछ करती रही, लेकिन कई घण्टे बाद क्या खिचड़ी पकी, कर्मचारियों को छोड़ दिया गया। इस कार्रवाई की चर्चा पूरे जिले में जोरशोर से हो रही है। सूत्रों के मुताबिक डीसी मनीराम शर्मा को सूचना मिली कि आरटीए कार्यालय में रात्रि में गड़बड़झाला चल रहा है।
डीसी मनीराम शर्मा ने पुलिस को साथ लेकर लघु सचिवालय स्थित आरटीए कार्यालय में छापेमारी की तो वहां जमघट लगा हुआ था। दलाल तो बाहर होने की वजह से भाग गए, लेकिन 8 कर्मचारियों को पुलिस अपनी गाड़ी में बैठाकर थाने ले आई। उपायुक्त मनीराम शर्मा से लेकर थाना प्रभारी अशोक दहिया को घटना की जानकारी देने में इसलिए पसीने छूट रहे हैं कि नाक के नीचे भ्रष्टाचार का बोलबाला है। दूसरा कुछ देर पूछताछ के बाद कर्मचारियों को बिना किसी क़ानूनी कार्रवाई के छोड़ दिया गया।
इस बारे में जब सहायक सचिव आरटीए भारत भूषण से बात की गई तो उन्होंने मामले को मामूली बताते हुए कहा कि सुप्रीमकोर्ट में हलफनामा दाखिल करना है।

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