चंडीगढ़: अभय चौटाला का कहना है कि ये ज़मीन 1988 तक पंचायत की थी, 2010 में हाईकोर्ट के आदेश पर ज़मीन निगम को दे दी गई और मार्च 2013 में निगम के नाम ज़मीन का नोटिफिकेशन हुआ. पंचायत की इस ज़मीन को निगम से इंडस्ट्री के नाम किया गया और इस ज़मीन की कीमत आज करीब 4500 करोड़ रु है.
इनेलो नेता अभय चौटाला ने आरोप लगाया कि सरकार की मंशा कंपनी को फायदा पहुंचाने की थी. इस सरकार में एक बार फिर ज़मीन पर घपला हुआ और एक ही उपायुक्त ने दो बार अपना पक्ष बदला.
अभय चौटाला ने इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग की. हालांकि सरकार ने विपक्ष के सारे आरोपों को बेबुनियाद करार दिया है.