मेवात(बिलाल अहमद): राज्य सरकार की ओर से भले ही लोगो के स्वास्थ्य को लेकर बड़े दावे किये जाते हो मेवात जिले में सरकार के यह दावे पूरी तरह से फैल व ढ़कोसला साबित हो रहे है।लेकिन आमजन के लिए की जाने वाली स्वास्थ्य व्यवस्थाएं कितनी बेहतर है इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि जिले की 17लाख आबादी के लिए स्वास्थ्य विभाग के पास महज 17 एम्बूलेंस ही मौजूद है। इसमें से चार एम्बूलेंस पिछले तीन साल से कंडम स्थिति में है। इन एम्बूलेंसों के लिए यह विश्वास नहीं किया जा सकता कि वह किसी मरीज या घायल को समय पर अस्पताल पहुंचा देगी।जानकारी के अनुसार जिले में सिविल अस्पताल मांडीखेड़ा के अलावा 6 सीएचसी तथा 9 पीएचसी है। इसके अलावा संस्थागत डिलीवरी में रैफरल ट्रांसपोर्ट सिस्टम की एंबुलेंसो का प्रयोग किया जाता है। डिलीवरी कराने के लिए हर गांव से महिलाओं को सरकारी अस्पताल तक मुफ्त लाया-ले जाया जाता है। डिलीवरी कराने वाली महिलाओं के अनुपात में एंबुलेंसो की संख्या ऊंट के मुंह में जीरे के समान है।कंडम एम्बोलेंसों को सरकार के नियमों के अनुसार पांच साल का समय गुजर चुका है तथा तीन लाख किलोमीटर पूरे हो चुके हैं। स्वास्थ विभाग की ओर से कंडम एंबुलेंसो के संबंध में अनेक बार स्वास्थ्य विभाग के उच्चधिकारियों को अवगत कराया जा चुका है। जिले की आबादी के अनुपात में एंबुलेंसो की मात्रा बढ़ाने के लिए भी कई बार पत्र व्यवहार किया जा चुका है, लेकिन विभाग ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। ऐसी स्थिति मेंमजबूर होकर स्वास्थ्य विभाग मरीजो की जान जोखिम में डाल कर कंडम एंबुलेंसो से ही काम चला रहा है। सिविल अस्पताल में डिलीवरी कराने आई अनेक महिलाओ को इस समस्या का सामना करना पड़ता है। ऑल इंडिया सोशल क्राइम एंड एंटी करप्शन आर्गेनाईजेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जफरुद्दीन गुमल वह ग्रामीण विकास निगरानी समिति के हरियाणा प्रदेश अध्यक्ष बिलाल अहमद ने बताया कि सरकार डिलीवरी मुफ्त कर जच्चा-बच्चा की जान बचाने का प्रयास तो कर रही है, लेकिन जननी-सुरक्षा योजना बुरी तरह प्रभावित हो रही है। ग्रामीण महिलाएं खटारा एंबुलेंसो में बैंठने से डरती है। ग्रामीणों ने कहा कि सरकार को स्वास्थ्य सेवा सुचारू रूप से चलाने के लिए पर्याप्त आधुनिक सुविधाओं से लैस एम्बूलेंस देना चाहिए। इस संबंध में जिला सिविल सर्जन श्रीराम सिवाच ने कहा कि कंडम एंबुलेंसो के संबंध में विभाग के उच्चधिकारी तथा जिला उपायुक्त को पहले ही सूचित कियाजा चुका है। प्रर्याप्त एंबुलेंस न होने से कंडम एंबुलेंसो की मरम्मत कर लोगो की सेवा करना विभाग की मजबूरी है। उन्होंने कहा कि नई एंबुलेंसो की मांग की जा चुकी है।