लोकपाल की नियुक्ति में हो रही देरी के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. इस मामले में 7 जनहित याचिकाएं दायर हुई हैं, जिनमें मांग की गई है कि कोर्ट सरकार को लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश दे. आज करीब दो घंटे तक चली सुनवाई के दौरान एक याचिकाकर्ता कॉमन कॉज की तरफ से वरिष्ठ वकील शांति भूषण ने सरकार पर आरोप लगाया कि सरकार जान-बूझकर कर लोकपाल की नियुक्ति में देरी कर रही है.दूसरी तरफ सरकार ने संसद में लंबित संशोधनों का हवाला दिया. सरकार की तरफ से अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से संसद के काम में दखल ना देने आग्रह किया. अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने कोर्ट से कहा कि संसद के मौजूदा सत्र के दौरान लोकपाल की नियुक्ति संभव नहीं है क्योंकि ये बजट के लिए तय सत्र है. रोहतगी ने कहा कि केंद्र सरकार अगले सत्र में लोकपाल की नियुक्ति कर सकती है.