कैथल : स्थानीय कोठी गेट स्थित सनातन धर्म मंदिर में माँ भगवती का चौथा नवरात्रा बड़ी धूम धाम से मनाया गया। आयोजित कार्यक्रम में वशिष्ठ अतिथि के रूप में सुनील आनंद, राजिन्द्र कुमार, विरेंद्र गर्ग ने शिरकत की और मुख्य अतिथि के रूप में प्रमुख समाज सेवी गुरविंद्र मल्होत्रा ने शिरकत की। इस अवसर पर सनातन धर्म मंदिर सभा के प्रधान रवि भूषण गर्ग एवं पदाधिकारियों ने मुख्य अतिथि एवं वशिष्ठ अतिथियों को फूलों की माला पहना कर उनका स्वागत किया। इसके उपरांत गुरविंद्र मल्होत्रा, सुनील आनंद, विरेंद्र गर्ग एवं राजिन्द्र कुमार ने माता रानी को पुष्प अर्पित कर अपनी माता रानी के दरबार में हाजिरी लगाईं और माँ भगवती का आशीर्वाद प्राप्त किया। माता रानी के चौथे नवरात्रे पर कृष्णा एंड पार्टी जागरण मंडल सीवन वाले ने माता का गुणगान करते हुए खुब समा बांधा। हे माँ मुझकों ऐसा घर दे जिसमें तुम्हारा मंदिर हो, जोत जगे दिन रैन तुम्हारी तुम मंदिर के अंदर हो, जब यह भेंट गाई तो पूरा पंडाल ख़ुशी से नाच उठा और भक्तो में माँ के प्रति पागलपन छा गया। आयोजित कार्यक्रम में बच्चों ने भी माता रानी के भजनों पर सुंदर नृत्य प्रुस्तुत किए। इस अवसर पर पंडित जनार्दन जी ने आज के दिन कि महत्ता बताते हुए कहा कि नवरात्रि के चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा-अर्चना होती है। इनकी पूजा से रोगों का नाश होता है। धन-धान्य और संपदा की प्राप्ति होती है। भौतिक और आध्यात्मिक सुख प्राप्त होता है। मां दुर्गा के चौथे स्वरूप को कूष्माण्डा देवी कहते हैं। मान्यता है कि वे अपनी हंसी से ब्राह्माण्ड को उत्पन्न करती है। वे सूर्य मंडल के भीतर निवास करती है। सूर्य के समान उनकी दैदीप्यमान कांति है। आठ भुजाओं के कारण उन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है। सिंह पर आरूढ़ इन देवी को नारियल चढ़ाना शुभ माना जाता है। इसलिए उन्हें कूष्माण्डा देवी कहा जाता है। इस देवी की पूजा करने से यह माता सन्तान को दीर्घ आयु प्रदान करती है। वैसे तो मंदिरों में पूजा अर्चना हर रोज होती है, परंतु नवरात्रे पर्व के दौरान मंदिरों में पूजा का विशेष महत्व शास्त्रों में दर्शाया गया है। इस अवसर पर माँ भगवती का प्रसाद सुनील आनंद जी के द्वारा बंटवाया गया।