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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लखनऊ के KGMU हॉस्पिटल में नए वेंटिलेटर का लोकार्पण करने पहुंचे.आज उन्होंने राज्य की स्वास्थ्य सुविधाओं पर जोर देने की बीत की. उन्होंने कहा- सरकार यूपी में कम से कम 6 एम्स खोलेगी. साथ ही उन्होंने डॉक्टर्स को मरीजों के साथ नरमी बरतने और बाहर प्रैक्टिस न करने की हिदायत दी. योगी ने कहा कि यूपी की पिछली सरकार ने गोरखपुर के अच्छे डॉक्टर्स को सैफई और कन्नौज भेज दिया. हम आखिरी शख्स तक पहुंच कर सबको मेडिकल सुविधा का लाभ देना चाहते हैं. गोरखपुर को अच्छे डॉक्टर्स की जगह बूचड़खाने दिए गए. यूपी में 5 लाख डॉक्टरों की जरुरत है. योगी ने कहा कि अंतिम व्यक्ति तक सुविधा पहुंचनी चाहिए. सरकारी डॉक्टर को निजी प्रैक्ट्रिस से बचना चाहिए. सच्ची संवेदना डॉक्टर की पहचान है.बता दें कि लखनऊ में सीएम योगी ने 56 वेंटिलेटर का लोकार्पण किया.योगी ने कहा कि बीमारी सिर्फ भौतिक शरीर का उपचार नहीं, आपकी संवेदना पर निर्भर करता है. कोई अस्पताल नहीं है कि जूनियर डॉक्टर और गरीब मरीजों में मारपीट न होती हो. जूनियर डॉक्टर झुंड बनाकर मरीजों पर टूट पड़ते हैं.
सरकार कोई कानून बनाए, नियम बनाए उससे अच्छा है कि गांवों में जाकर लोगों का इलाज करें. हर शख्स सिफारिश करता है कि वह शहर में रहे, मेडिकल कॉलेज से पैसा लेकर प्राइवेट में जाकर प्रैक्टिस कर रहा है.
मैंने छोटा सा चिकित्सालय गोरखपुर में खोला है. 1800-4000 रुपए सीटी स्कैन का लिया जाता है जबकि मेरे यहां 400-600 में हो जाता है. सवा लाख से तीन लाख की वसूली होती है. इस देश का नागरिक अगर स्वस्थ्य होगा तो राष्ट्र निर्माण में भी अपनी भूमिका निभाएगा.
यहां साल में करीब 15 लाख लोग ओपीडी में इलाज कराते हैं. 90 हजार से 1 लाख मरीज रहते हैं. पूर्वी यूपी यहां आता है. आप सबसे मेरी उम्मीद है, जो गरीब आता है वो विश्वास से आता है. उसके पास पैसा न हो, दुआ होती है. उसे जरूर लेना. पैसा किसी के साथ नहीं जाता, पर उसकी दुआ जरूर लगेगी.

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