कुरुक्षेत्र (सतीश भारद्वाज):हरियाणा स्वर्ण जयंती वर्ष के दौरान मैक की भरतमुनि रंगशाला में हरियाणा कला परिषद् मल्टी आर्ट कल्चरल सेंटर तथा स्वरांजलि संस्था के संयुक्त तत्वावधान में सुर-क्षेत्र कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्यअतिथि के रुप में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एस.एस.प्रसाद तथा उनकी धर्मपत्नी रंजू प्रसाद भा.प्र.से. उपस्थित रहे। विशिष्ट अतिथि के रुप में सेवानिवृत अतिरिक्त मुख्य सचिव रोशन लाल, सेवानिवृत उपायुक्त रामभगत लांग्यान, आर.आर. फुलिया उपस्थित रहे। कार्यक्रम की विधिवत शुरुआत मुख्यअतिथि एस.एस.प्रसाद, रंजू प्रसाद तथा मैक के मुख्य सलाहकार महेश जोशी सहित सभी अतिथियों द्वारा दीप प्रज्जवलित कर की गई। कार्यक्रम से पूर्व स्वरांजलि के अध्यक्ष योगेश कुमार योगी द्वारा सभी अतिथियों का विधिवत स्वागत किया गया। मंच संचालन प्रो. आबिद अली तथा जसप्रीत कौर द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत भए प्रकट कृपाला, दीन दयाला में योगेश कुमार योगी व साथी कलाकारों द्वारा ईश्वर वंदना की गई। गायक सोनू ने अपनी मधुर आवाज में ‘‘तुम मुझे यूं भुला ना पाओगे’’ प्रस्तुत किया तो उसकी बेहतरीन गायकी ने सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। वहीं अगली प्रस्तुति में पूजा ने पाकिजा फिल्म का मशहूर गीत ‘‘चलते-चलते यूं ही कोई मिल गया था’’ गाकर अपनी प्रतिभा को दिखाया। स्वर्णजीत ने ‘‘कुछ ना कहो, कुछ भी ना कहो’’ की लाजवाब प्रस्तुति के माध्यम से माहौल को मदमस्त बना दिया। जहां एक के बाद एक बेहतरीन कलाकारों द्वारा दी जा रही प्रस्तुतियां कार्यक्रम में चार-चाँद लगाने का कार्य कर रही थी वहीं प्रो. आबिद अली का मंच संचालन तथा शायरी कार्यक्रम को ऊचांईयों तक पहुंचाने में सहायक सिद्ध हो रही थी। सोनू तथा गुंजन द्वारा प्रस्तुत ‘‘दिल है कि मानता नहीं’’ ने श्रोताओं की भरपूर तालियां बटौरी। कार्यक्रम की कामयाबी तब सार्थक होती नजर आई जब मुख्यअतिथि एस.एस. प्रसाद व उनकी धर्मपत्नी रंजू प्रसाद भी स्वयं को गाने से न रोक पाए। ‘‘फूल तुम्हें भेजा है खत में, फूल नहीं मेरा दिल है’’ युगल गीत के माध्यम से मि. एण्ड मिसेज प्रसाद ने खूब रंग जमाया। वहीं सेवानिवृत आई.ए.एस. रोशन लाल ने अपनी गायकी के माध्यम से अपने अंदर छिपी प्रतिभा को श्रोताओं की नजर किया। ‘‘बेदर्दी बालमा तुझको मेरा दिल याद करता है’’, ‘‘आओगे जब तुम साजना अंगना फूल खिलेंगे’’, ‘‘सुहानी चांदनी रातें हमें सोने नहीं देती’’, ‘‘मैं शायर तो नहीं’’, ‘‘आपकी नजरों ने समझा प्यार के काबिल’’ हमें जैसे बेहतरीन नगमों के द्वारा कलाकारों ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सहयोग दिया। कार्यक्रम के दौरान स्व. विनोद खन्ना को भी उनके नगमों तथा बायोपिक के द्वारा श्रद्धाजंलि दी गई। जिसके लिए स्व. विनोद खन्ना की पत्नी कविता खन्ना द्वारा दूरभाष पर धन्यवाद किया गया। कार्यक्रम के अंत में स्वरांजलि की ओर से योगेश कुमार योगी ने सभी अतिथियों को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। वहीं कार्यक्रम में की-बोर्ड पर संगत दे रहे महेंद्र शर्मा व इख्तीयार, ढोलक पर शम्मी, तबला पर प्रदीप, आक्टोपैड पर वाहिद, सारंगी पर मास्टर राजेश तथा सितार पर संगत दे रहे मास्टर विरेंद्र को भी स्मृति चिन्ह देकर आभार जताया गया। कार्यक्रम में कु.वि. के संगीत एवं नृत्य विभागाध्यक्षा प्रो. शुचिस्मिता, धरोहर क्यूरेटर महासिंह पुनिया,डॉ•संजय शर्मा, सुमन,राजबीर,धीरज गुलाटी आदि कईं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।