चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव में हार के बाद EVM की विश्वसनीयता पर उठाये गए बसपा के सवालों को सिरे से खारिज कर दिया है. आयोग ने BSP को भेजे गए जवाब में दो टूक कहा है कि उनके शिकायत में न तो कोई दम है और न ही कोई वैज्ञानिक आधार या सबूत है.

चुनाव आयोग ने बसपा महाचिव सतीश चंद्र मिश्रा द्वारा भेजी गई पांच पेज की चिट्ठी में काफी विस्तार से तर्क दिए हैं. आयोग की दलील है कि सबसे पहले देश के जाने माने IT विशेषज्ञों ने EVM के साथ छेड़छाड़ की आशंका और तौर तरीकों को लेकर विस्तार से चर्चा की. उनका कहना है कि उसे ध्यान में रखते हुए पुख्ता इंतजाम भी किए गए थे. चुनाव आयोग का कहना है कि अदालतों में पहले भी EVM की विश्वसनीयता को कठघरे में खड़ा किया जा चुका है. हालांकि उसे अभी तक कोई भी साबित नहीं कर पाया. लिहाजा हाई कोर्ट तक ने EVM को फुलप्रूफ माना है. ऐसे में बिना सबूत सिर्फ चुनावी नतीजों को आधार बनाकर ऐसे आरोप लगाना बेबुनियाद है. इस शिकायत में कोई मेरिट भी नहीं है. लिहाजा ये शिकायत खारिज की जाती है.

गौरतलब है कि यूपी चुनाव के रिजल्ट आने के बाद जहां बसपा अध्यक्ष मायावती ने EVM पर सवाल खड़े किए. वहीं दूसरी पार्टियों ने भी हेरफेर के आरोप लगाए हैं. राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद ने मायावती के आरोपों पर जांच करने की बात कही है और दिल्ली में शासन संभाल रही आम आदमी पार्टी ने तो आगामी नगर निगम चुनाव में बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग तक कर डाली है.

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