पिहोवा (कुरुक्षेत्र ) उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने कहा कि फसल कटाई उपरांत फसल अवशेष जलाने पर गांव बीबीपुर व गांव सैयना सैंदा के 22 किसानों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है और जिले के अन्य खंडों से 10 किसानों से पर्यावरण क्षतिपूर्ति चार्ज वसूला गया है।
उपायुक्त सुमेधा कटारिया ने आज यहां बातचीत करते हुए बताया कि जिला कुरुक्षेत्र में फसल अवशेषों को जलाने पर पूर्णत्य प्रतिबंध लगाया गया है। इतना ही नहीं दंड प्रक्रिया नियमावली 1973 के अंर्तगत धारा 144 भी लगाने के आदेश पारित किए गए है। यदि इन आदेशों की अवहेलना करेगा तो उस व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 188 व वायु बचाव एवं प्रदूषण नियत्रण अधिनियम 1981 के तहत सजा दी जाएगी। इन आदेशों की पालना में कृषि विभाग कुरुक्षेत्र द्वारा सभी गांव में फसल अवशेष न जलाने बारे जागरूकता अभियान चलाए गए एंव मुनादी इत्यादि करवाई गई। इसके बावजूद भी कुछ किसानों ने अपने अवशेषों में आग लगाकर आदेशों की अवहेलना की, जिस पर कडा संज्ञान लेते हुए कृषि विभाग द्वारा गांव बीबीपुर खंड पिहोवा के 18 किसानों तथा सैयना सैंदा के 4 किसानों के खिलाफ आफआईआर नम्बर 0234 व 0235 के द्वारा केस दर्ज करवा दिया गया है।
उन्होंने बताया कि अन्य खंडों से भी लगभग 10 मामलें सुखविन्द्र गांव गजलाना, दिलावर सिंह गांव जैनपुर,अमरीक सिंह गांव सुल्तानपुर, गुरनाम ङ्क्षसह गांव चनारथल, गुरनाम ङ्क्षसह गांव जैनपुर राजबीर ङ्क्षसह गांव गुढा, मंगत राम गांव झिंवरहेडी विश्वपाल,धर्मबीर गांव उमरी व राम कुमार गांव झमरहेडी संज्ञान में आए है, जिन पर पर्यावरण क्षतिपूर्ति चार्ज वसूल कर लिया गया है एवं अन्य कुछ मामलों में केस दर्ज करने की प्रक्रिया जारी है। उन्होंने किसानों से पुन:अनुरोध किया जाता है कि वह फसल अवशेषों को न जलाएं, क्योंकि फसल अवशेष जलाने से पर्यावरण प्रदूषित होता है। जमीन की उपजाऊ शक्ति कम हो जाती है तथा मित्रकीट नष्ट हो जाते है, सांस, आंख एवं चमडी के रोग हो जाते है और राजमार्गो पर दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है।