कैथल:पर्यावरण संरक्षण, भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने तथा पशुओं के चारे के लिए किसान गेहूं की फसल की कम्बाईन से कटाई के उपरांत बचे अवशेषों को आग न लगाएं। जिला के किसान वर्तमान रबी सीजन के दौरान कम्बाईन हार्वेस्टर से गेहूं की कटाई के उपरांत फसल के अवशेषों से तुड़ा बनवाएं अथवा इन अवशेषों को मिट्टी में मिलाएं। हरियाणा सरकार द्वारा फसलों के अवशेष जलाने पर पूर्णत: पाबंदी लगाई गई है तथा अवशेष जलाने वालों पर जुर्माना व सजा का भी प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त श्री संजय जून ने बताया कि राष्ट्रीय हरित ट्रिब्यूनल के आदेशानुसार किसानों को फसलों के अवशेषों को न जलाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है तथा उन्हें इन अवशेषों के जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जा रहा है। फसलों के अवशेष जलाने से आर्थिक, पर्यावरणीय तथा स्वास्थ्य संबंधि समस्याएं उत्पन्न होती है। खेतों में फसलों के अवशेष जलाने से कार्बन के आवश्यक तत्व एवं सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट होते हैं, जिससे भूमि की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है तथा उत्पादन में कमी होती है। इन अवशेषों के जलाने से उत्पन्न होने वाले समॉग से फेफड़ों की बीमारियां बढ़ती है। फसलों के अवशेष जलाने से फेफड़ों व दिल के मरीज ज्यादा प्रभावित होते हैं। इससे अस्थमा व सांस की अन्य बीमारियां भी होने की आशंका बनी रहती है। इससे पर्यावरण में ऑक्सीजन की कमी होती है, जिससे सांस लेने में दिक्कत होती है। खेतों में फसलों के अवशेष जलाने से नजदीकी खेतों में आग लगने का खतरा बना रहता है तथा वायु प्रदूषण भी होता है।
उन्होंने बताया कि फसल की कटाई के उपरांत स्ट्रारीपर, स्ट्राबेलर, रीपर बाईंडर एवं जीरो टील सीड कम फर्टिलाईजर ड्रिल, हैप्पी व ट्रबो सीडर, मल्चर एवं स्ट्रो शैरडर के प्रयोग से अवशेष प्रबंधन करके पर्यावरण को होने वाले नुकसान को रोका जा सकता है तथा भूमि की उर्वरा शक्ति बनाए रखने के साथ-साथ पशुओं के लिए अतिरिक्त चारा भी प्राप्त किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भूमि में मौजूद पौषक तत्वों को नष्ट होने से बचाया जा सकता है। हैप्पी सीडर तथा जीरो टिलेज मशीन के प्रयोग से भूमि जुताई की लागत को कम किया जा सकता है। रीपर बाईंडर से फसल की कटाई में होने वाली श्रम की लागत को कम किया जा सकता है। स्ट्राबेलर से प्राप्त किए गए स्ट्रा के बेलस को बायोमास जनरेशन प्लांटस को बेचकर अतिरिक्त आय प्राप्त की जा सकती है। इन मशीनों के प्रयोग से मुनाफा व उत्पादन में भी वृद्धि होती है।