पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा तथा कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष अशोक तंवर के बीच छिड़े विवाद के बीच तंवर तथा किरण चौधरी ने समर्थकों की बैठक बुलाकर भविष्य की रणनीति तैयार की। बैठक में हुड्डा व उनके समर्थक विधायकों के खिलाफ निंदा प्रस्ताव पारित किया गया। प्रस्ताव में इस बात पर रोष जताया कि हुड्डा समर्थक विधायकों ने तंवर व किरण के खिलाफ मीडिया में बयानबाजी की, अगर उन्हें नेतृत्व से कोई दिक्कत है तो यह मुद्दा पार्टी प्लेटफार्म पर उठाया जाना चाहिए था।
प्रस्ताव में पार्टी हाईकमान से अनुरोध किया गया है कि पार्टी विरोधी बयान देने के लिए इन विधायकों के विरुद्ध शीघ्रातिशीघ्र अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए। हालांकि बैठक 7 मार्च के विधानसभा घेराव की तैयारियों के लिए बुलाई गई थी, लेकिन बैठक में न तो कोई विधायक था और न ही कोई हुड्डा समर्थक, ऐसे में कहा जा रहा है कि विधानसभा घेराव के बहाने हुड्डा विरोधी गुट अपने दम पर शक्ति प्रदर्शन करेगा।
तंवर ने बताया कि बैठक में प्रदेश कांग्रेस ने हरियाणा की भाजपा सरकार की जन-विरोधी नीतियों तथा भाजपा नेताओं के घोटालों को और जोर-शोर से उजागर करने का निर्णय किया है। कांग्रेस विधायक दल की नेता किरण चौधरी ने कहा कि भाजपा सरकार के घोटाले नंगे होने शुरू हो गए हैं। उन्होंने इस संबंध में गुरुग्राम में अरबों रुपए की 450 एकड़ से अधिक भूमि के अवैध हस्तांतरण का उल्लेख किया, कुछ अधिकारियों और भाजपा के नेताओं की मिलीभगत के बारे में विस्तार से बताया।